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एक लम्बे अरसे के बाद सांसद आई: पार्ट-3

 

जब बज उठी चुनावी शहनाई

शहडोल।।

विनय मिश्रा…
देश की वर्तमान स्थिति तो ऐसी है जैसे भाजपा अपने करनी और कथनी को पूर्णतः साकार करने जा रही है और 400 पार का नारा किसी हकीकत की तरह कुछ ही महीनों बाद आम जनता के समक्ष आ जाएगा। सम्भव है यह 400 पार का आंकड़ा भाजपा बड़े आराम से पार कर ले विपक्ष मुक्त चुनाव और जेल में ठेले जाने वाले उन राजनैतिक चेहरों की दशा वर्तमान सरकार के सामने तो चुनाव और कोई दल नही बल्कि आम इंसान बनकर बसर कर लें उनके लिए यही एक उपलब्धि होगी ।
हम किसी सांसद, विधायक के काम और उनकी नीतियों के बारे में चर्चा करें तो शायद पाँच वर्ष के आंकड़े कम पड़ जाएँगे फिर भी भाजपामय देश मे चेहरा किसी का भी हो और पिछले पाँच वर्ष का काम शून्य भी हो तो क्या फर्क पड़ता है वोट तो भाजपा को ही देना है और शायद जनता को इस बात से कोई फर्क भी नही पड़ता कि उनके क्षेत्र के सांसद विधायको ने पिछले पाँच वर्ष में उनके लिए क्या किया है।

फुन्देलाल तीन बार विधायक,हिमाद्री एक बार सांसद….

विधायकों का एक सीमा क्षेत्र होता है यानि उनका अपना विधानसभा जिसमे उन्हें विकास की गाथा लिखना है इस मामले में फुन्देलाल को जनता ने तीन बार शिरोधार्य करके विधायक बनाया है इस मामले में हिमाद्री जरा पीछे रह गई और कांग्रेस से सीट लेकर लड़ने वाली हिमाद्री को हार का मुह देखना पड़ा । राजनैतिक करियर को शनूयता की ओर समाते देख हिमाद्री ने भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपमय देश मे भाजपमय हो गई और भाजपा से टिकट लेकर हिमाद्री ने सांसद का चुनाव जीता वो और बात है कि एक सांसद के रूप में हिमाद्री की उपलब्धता पूरा सम्भाग जानता है या दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसी कोई विशेष उपलब्धि सांसद हिमाद्री सिंह के संसदीय क्षेत्र में देखने को नही मिला जो एक सांसद, विधायक से उस क्षेत्र की जनता उम्मीद करती ।

सांसद से मदद माँगते-मांगते हाँफ गई महिला, ऐसे हैं सांसद के कार्य और उनकी सक्रियता.

बड़ी उपलब्धियों और ऐतिहासिक कार्यो का बात न करते हुए हम चंदिया निवासी एक पीड़ित महिला की ही बात ही कर लेते हैं जो हिमाद्री से मदद माँगते-माँगते हाँफ गई और पति के नौकरी के माँमले में सांसद की दहलीज पर दम तोड़ दी किन्तु सांसद हिमाद्री के कानों में जू तक नही रेंगा यदा-कदा रेंगा भी तो टेलिफोनिक सहानुभूति के अलावा कुछ नही मिला पीड़ित महिला आज भी अपने पति के लिए राजनीतिक दलों और उनसे जुड़े लोगों के चक्कर काट रही है। अगर आप अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों से अपने या क्षेत्र की समस्याओं से निराकरण नही पा सकते तो ऐसे लोगो को मतदान करने की क्या जरूरत है ।

राहुल गाँधी की सभा…

आज यानि 8 अप्रैल को शहडोल संसदीय क्षेत्र में राहुल गांधी का आगमन है अपने मंच सम्बोधन में वो क्या कहेंगे यह तो अलग बात है किंतु विधानसभा चुनाव के दौरान ब्यौहारी में आयोजित इसी प्रकार की सभा मे उनकी बातें शायद जनता को जगा नही पाई और भाजपा प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की।

बीती ता बिसारिए की तर्ज पर एक बात जरूर है कि विधानसभा तो नही शायद लोकसभा का एक आध सीट संसदीय क्षेत्र से राहुल गाँधी के इस सभा से कांग्रेस को प्राप्त हो जाए, यह महज एक धारणा है बाँकी परिणाम के बाद ही आंकड़े स्पष्ट होंगे ।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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