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बाबा महाकाल मिनरल्स की अड़मल्ली में स्थानीय जिम्मेदार मस्त

राजधानी की धुरी और इर्दगिर्द से धन बटोरने के बाद अब उमरिया में धनलक्ष्मी की चहलकदमी

कैसे कम्पनी ने सरकार को लगाया था चूना, अब बाबा महाकाल की आड़ में धनलक्षी का धन उमरिया की रेत में

विनय मिश्रा की कलम से….

राजधानी के इर्दगिर्द और उसकी धुरी पर सैंड माइनिंग,ओर आयरन,स्टोन और एनर्जी के व्यापार में अपना दस्तक देने वाले धनलक्षी कम्पनी एक सिंगल फर्म से अलग-अलग फर्मो में सिंडिकेट हो गया और इसके नीचे कार्य करने वाली छोटी-छोटी पेटी कम्पनियाँ बिना नुकसान के मुनाफा कमाने लगीं सैंड माइनिंग में शिवा कारपोरेशन के समकक्ष काम करने वाले धनलक्ष्मी ने माइनिंग के कारोबार में बड़ी पैठ बनाई इसी तारतम्य में वर्ष 2023-2024 की नई रेत नीति आई जिसमे शहडोल सम्भाग में सर्वप्रथम अनूपपुर जिले में रेत खदान कुछ महीनों के लिए चालू हुआ जिसमें किसी अमन सेठी नामक फर्म को खदान चलाने का जिम्मा मिला।
जानकार और सूत्र बताते हैं कि खदान कुछ ही महीने में सरेंडर हो गया और कथित कम्पनी जिले से मानो दीवालिया घोषित होकर पुनः अपने मूल स्थान में कूच कर गई।

कुछ ही महीने में सिंडिकेट का मायाजाल…

अलग-अलग जिलों में सैंड माइनिंग का बड़ा व्यापार करने वाले धनलक्षी के एक हिस्से की साझेदारी बाबा महाकाल मिनरल्स ने सम्हाल ली और उमरिया जिले में कम्पनी ने रेत का ठेका ले लिया सूत्र बताते हैं कि कथित कम्पनी जनवरी 2024 में ही रजिस्टर्ड हुई है जिसके डायरेक्टर चैन सिंह और राकेश गौतम हैं हालिया की रजिस्टर्ड कम्पनी के कर्मचारियों और उनके काम ने नए गुल खिलाने लगे और कहीं की टीपी कहीं की लीज से हटकर रेत की निकासी करने लगे।

शहडोल सम्भाग ।।

उमरिया जिले में बाबा महाकाल मिनरल्स के सभी खदान पूर्णतः संचालित नही हो पा रहे हैं इस कड़ी में कम्पनी कहीं की नदी से कहीं की रेत और कहीं की टीपी ग्राहकों को दे रही है सूत्र बताते हैं कि टीपी के इस खेल में भी धनलक्ष्मी का बैनर ही काम आ रहा है नाम सिर्फ बाबा महाकाल का है।

ये है इन कम्पनियों के रिकार्ड…

प्रदेश और जिले में रेत की खबर पड़ताल करने की प्रकिया में अखबारों के कतरन जुटाने पर कथित कम्पनी का एक आश्चर्यचकित कारनामा सामने आया जहाँ ये आम जनता को तो ठगते ही हैं साँथ ही सरकार को भी नही बख्शते।
बीते कुछ वर्षों पहले कांग्रेस विधायक के साँथ साझा व्यापार करने और कर चोरी करने के माँमले में धनलक्ष्मी मर्चेंटाइज्ड के ठिकानों पर आईटी का छापा पड़ा था जिसमे 200 सदस्यीय आयकर जांच दल ने की कार्रवाई की थी। रेत खनन ठेकेदार कंपनी धनलक्ष्मी मर्चेंटाइज्ड कंपनी के गाडरवारा कार्यालय समेत विभिन्न कार्यालयों व रेत नाकों पर छापेमार कार्यवाही हुई थी।

रेत के दरों से खिलवाड़….

रॉयल्टी दरों के भुगतान के दस्तावेजों में गड़बड़ी को लेकर कुछ वर्ष पहले आयकर विभाग की टीम ने रेत खनन कंपनी धनलक्ष्मी मर्चेंटाइज्ड कंपनी के गाडरवारा स्थित मुख्यालय में दबिश दी थी सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने धनलक्ष्मी कंपनी द्वारा रायल्टी पर्ची काटने , आय-व्यय और सीएसआर में गड़बड़ी के माँमले में आयकर विभाग ने धनलक्ष्मी के नरसिंहपुर, गोटेगांव स्थित चैकपोस्टों पर भी दबिश दी और यहां से दस्तावेज जब्त किए थे माँमले में काफी उठापटक हुआ किन्तु कम्पनी की साख और पहुँच ने इस गुरिल्ला मार पद्धति को छिपाने में कामयाब रही।
नदी में रेत नीलामी के बाद कम्पनियों ने नदियों का ऐसा हस्र किया है कि न कायदे न कानून सिर्फ माफियाओं की चहलकदमी दिन रात नदियों में मची रहती है।अलग-अलग अखबारों और डिजिटल प्लैटफॉर्म में टीपी के खेल वाली खबर छपने का ग्राउंड जीरो पड़ताल करने पर ज्ञात हुआ कि वास्तव में बाबा महाकाल ने भगवान के नाम को सामने रख यहाँ के वाशिंदों के साँथ खिलवाड़ किया है यानी कभी मोहबला, कभी अमिलिहा तो कभी मझौली, जहाँ चाहा रेत निकासी के लिए भारी मशीन लगाई और रेत निकासी की गई इस कड़ी में मझौली में चलाई गई खदान एक तरोताजा साक्ष्य है।

सड़क रेल पुलों पर संकट की गहरी साया….

जिस कदर नदियों में भारी वाहन लगाकर कहीं की रेत कहीं की टीपी का खेल बाबा महाकाल कम्पनी के कारिंदे खेल रहे हैं उससे कम्पनी पर सवाल उठना तो आम बात है पर स्थनीय प्रशासन को कटघरे में रखना लाजमी है नदियों के लिए बनाए गए रास्ते मे छोटी नदियों को भाटकर उनका अस्तित्व मिटा दिया गया है जबकि एनजीटी नियमो की माने तो नदियों से रेत निकासी तो की जा सकती है किंतु उनके अस्तित्व को समाप्त नही किया जा सकता इतना ही नही कथित कम्पनी गाँव के अंदर प्रलोभन की तर्ज पर क्षमता से अधिक रेत लोड करती है जिसका उदाहरण सड़क पर पड़े बारूओं के ढेर को देखकर दिया जा सकता है । इस कड़ी में पूर्व में हमने पड़ताल किया था इनके द्वारा बरही के आगे सुखदास खदान से रेलवे पुल के नीचे से पड़रिया रेत खदान में ओवरलोड वाहन लगाकर पुल को क्षतिग्रस्त करने की जुगत कर रहे थे हलाकि इसकी शिकायत हमने डीएसपी रेलवे से की थी जिस पर जल्द कार्यवाही अग्रसर है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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