दिव्यकीर्ति सम्पादक-दीपक पाण्डेय, समाचार सम्पादक-विनय मिश्रा, मप्र के सभी जिलों में सम्वाददाता की आवश्यकता है। हमसे जुडने के लिए सम्पर्क करें….. नम्बर-7000181525,7000189640 या लाग इन करें www.divyakirti.com ,
Search
Close this search box.

वर्षाे पुराने हरे-भरे पेड़ की चढ़ा दी बलि, नगर पालिका के जिम्मेदारों ने मंदिर भी तोड़ा 

शहडोल।। दिव्य कीर्ति 

बीते वर्षाे में सैकड़ों की संख्या में हरे पेड़ों को काटा जा चुका है, लेकिन कोई भी विभाग इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। सब एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। वहीं पांच सालों में एक भी नया पेड़ सडक़ किनारे नहीं लगाया गया है। हरियाली महोत्सव के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च कर सडक़ किनारे पौधे रोपे जा रहे हैं। पौधों की देखरेख ठीक तरीके से नहीं की जाती। जिससे एक-दो महीने में ही पेड़ सूखकर नष्ट हो जाते हैं। संभागीय मुख्यालय में बस स्टैण्ड रोड के चौड़ीकरण के नाम पर बीते दिनों फिर एक बार हरा-भरा पेड़ कटवा दिया गया। नगर पालिका शहर में अतिक्रमण के नाम पर कोरम पूर्ति तक सीमित है, लेकिन हरे-भरे पेड़ को सडक़ से हटाने के लिए अपनी छाती चौड़ी कर रीवा होटल के सामने लगे पेड़ को कटवा दिया गया। 

पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी गाइड लाइन जारी की हुई है। जिसमें काटे गए पौधों के बदले 10 गुना अधिक पौधे लगाना होंगे। जिले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अनदेखी की जा रही है। सडक़ किनारे लगे पेड़ों की सुरक्षा का जिम्मा आखिर किसका है। इसे लेकर सभी विभाग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि सडक़ किनारे लगे पेड़ों की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी और एमपीआरडीसी विभाग की है। वन विभाग का काम सिर्फ वन एरिया में लगे पेड़ों की सुरक्षा करना है, वहीं नगर पालिका क्षेत्र में तो, नगर पालिका की जिम्मेदारी होती है, लेकिन जिम्मेदारों ने बेखौफ होकर हरे-भरे पेड़ को चौड़ीकरण के नाम पर बलि चढ़ा दिया।

रीवा होटल के समीप जहां नगर पालिका के जिम्मेदारों ने हरे-भरे पेड़ की बलि चढ़ा दी, उसी पेड़ के नीचे भगवान मंदिर भी था, नगर पालिका के जिम्मेदारों ने वर्षाे पुराने इस मंदिर को भी तोड़ दिया, नगर पालिका के जिम्मेदारों की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंदिर तोडऩे के बाद भगवान की मूर्ति को उचित स्थान पर स्थापित तक नहीं किया गया। खुलेआम नगर पालिका के जिम्मेदारों की मनमानी के चलते स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है, लोगों का कहना है कि बीच बाजार में अतिक्रमण है, लेकिन खुद को ईमानदार और नियमों के तहत चलने वाला बताने वाले जिम्मेदार की कार्यवाही दबाव के फेर में कोरम पूर्ति तक सीमित रह गई।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

ये भी पढ़ें...

error: Content is protected !!