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निजी स्कूलों की मनमानी पर कलेक्टर सख्त,वसूले जाएंगे अतिरिक्त फीस

 

 

 

निजी विद्यालयों के संचालकों के विरूद्ध 2-2 लाख रूपये की शास्ति अधिरोपित

अभिभावकों को राशि वापस करने संचालकों को आदेश जारी
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वैसे शिक्षा की महंगाई से मारे अभिभावक की कमर इस हद तक टूटी हुई है कि वह अपने घरों की अन्य जरूरतों व कई खुशियों को मारकर बच्चों के लिए पाई-पाई जुटाकर उन्हें पढ़ाता है और किसी कदर उन्हें योग्य बनाता है। शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण ने अभिभावकों में भी एक मानक तैयार कर दिया है यानि महीने की कमाई के हिसाब से आज विद्यालय तय होते हैं जितना ज्यादा फीस उतनी ज्यादा शिक्षा और सुविधा, पर बच्चों को इतने मंहगे स्कूलों में पढ़ाने के बाद भी ट्यूशन व अलग मार्गदर्शन की जरूरत हो तो ऐसे संस्थानों से लाख बेहतर है शासकीय विद्यालय जहाँ बच्चों के बैग का बोझा भी कम होता है और योग्य व अनुभवी शिक्षकों का अध्य्यापन भी मिलता है।

मंहगी शिक्षा और निजी विद्यालयों की इस मनमानी पर लगाम लगाने के लिए कलेक्टर शहडोल ने सराहनीय पहल किया है जो शायद आजतक के इतिहास में निजी विद्यालयों के खिलाफ अभिभावकों को राहत देने का पहला ऐसा फैसला होगा जो आगामी भविष्य में अभिभावकों के लिए “मील का पत्थर साबित हो”।

शहडोल

कलेक्टर  तरुण भटनागर के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी एवं सदस्य सचिव जिला समिति ने ब्यौहारी विकासखंड के अशासकीय मिलेनियम ड्रीम इंटरनेशलन स्कूल ब्यौहारी, भारतीयम स्कूल ब्यौहारी, क्रिस्ता ज्योति मिशन स्कूल, बुढार विकासखंड के अशासकीय ग्रीन वेल्स पब्लिक स्कूूल बुढार,एमजीएम स्कूल गोपालपुर,ज्ञान निकेेतन इंग्लिश मीडियम स्कूल, विद्यासागर सीनियर स्कूल बुढार, शहडोल के गुड शेफर्ड कान्वेंट स्कूल सोहागपुर, ज्ञानोदय इंग्लिश मीडियम स्कूल , भारत माता स्कूल, शांति देवी मेमोरियल स्कूल सोहागपुर, सद्गुरू पब्लिक स्कूल, एमजीएम स्कूल धनपुरी, टाइम पब्लिक स्कूल शहडोल के संचालकों को आदेश जारी कहा गया है कि संस्था द्वारा सत्र 2022-23 से फीस वृद्धि कर संग्रहित की गई संपूर्ण राशि उनके पालक या अभिभावकों को आनलाइन नेट बैंकिग के माध्यम से 30 दिवस के अंदर वापस किया जाना सुनिश्चित करे एवं उक्त नियम के उपबंध 9 (9) का प्रयोग करते हुए संस्था पर प्रतिदाय आदेश के अतिरिक्त प्रत्येक विद्यालय पर 2-2 लाख रूपये की शास्ति अधिरोपित की जाती है जिसे 30 दिवस के अंदर उक्त नियम के नियम 3(3) अंतर्गत प्रावधानित संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय के खाते में जमा कराना सुनिश्चित कर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें अन्यथा उक्त राशि भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जा सकेगी। साथ ही विद्यालय/संस्था को चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017, म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के उपबंधों तथा मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के मार्गदर्शी सिद्धांतों का पूर्णरूपेण पालन किया जाना सुनिश्चित करें। जारी आदेष में कहा गया है कि विद्यालय कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 वीं तक म.प्र. बोर्ड पैटर्न पर संचालित है। विद्यालय द्वारा फीस में 10 प्रतिशत से कम वार्षिक वृद्धि की गयी जिसकी सूचना जिला समिति को नहीं दी गयी। विद्यालय की बेवसाईट चालू नहीं है साथ ही विद्यालय के सूचना पटल पर फीस संरचना एवं पाठ्यपुस्तकों की जानकारी प्रदर्शित नहीं की गयी है। उक्त प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि विद्यालय द्वारा म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के उपबंध क्रमांक 4(1) एवं 6 का उल्लंघन किया गया है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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