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सामुदायिक स्वच्छता परिसर का भुगतान खा गए इंजीनियर और सचिव

 

 

सीएम हेल्पलाइन भी धीरे-धीरे घिसट रहा है सरकार के द्वार
शहडोल।।छाता

पंचायत जैसे अपने नाम को ही प्रकट करता है मतलब जहाँ पंचायत है वहीं ‘पंचायत’ है।इस फैक्ट्री में सेटिस्फेक्शन की कोई गारंटी नही दी जाती चाहे फिर वो जिला प्रमुख हों जनपद प्रमुख हों या फिर विकास को विकाशसील करने से लेकर विकसित करने का जिम्मा उठाने वाले पंचायत प्रमुख…
हमने पंचायत नाम की तीनों वेब सीरीज देखी है और जिन्होंने नही देखा वो एक बार तीनो सीजन को जरूर देखें खासकर जिला,जनपद और पंचायत के जिम्मेदार..

अब बात करते हैं एक ऐसे पंचायत की जहाँ व्यक्ति से पैसे का झांसा देकर मटेरियल और कार्य तो करा लिया गया पर उसका भुगतान आज दिनांक तक नही हुआ। सचिव मनोज और इंजीनियर मिलकर अपना-अपना हिस्सा मिल बाँटकर खा गए और काम के बदले भुगतान करने नाम नही ले रहे हाँ आजकल-आजकल का हवाला देते न जाने कितने कल परसों बीत गए।

यह है पूरा मामला….

फरियादी ने बताया कि 21 सितंबर 2022 से उसने जनपद सोहागपुर अंर्तगत छाता पंचायत में सचिव द्वारा सामुदायिक स्वच्छता परिसर में काम कराकर उसका राशि जिम्मेदारो के साँथ मिलकर आहरण कर लिया गया है और उसकी लागत और मजदूरों का भुगतान नही किया जा रहा है।
उक्त सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण धनपुरा मार्ग में उप स्वास्थ्य केंद्र के पास छाता में निर्मित है।
पंचायत और जनपद में वेंडर के नाम से बिल देने लेने का अपना एक अलग चलन है उसके साँथ भी यही हुआ चूंकि वह वेंडर नही था जिस कारण वेंडर के साँथ मिलकर सचिव द्वारा हेरफेर कर लिया गया और अब भुगतान के बदले लटकाने का काम किया जा रहा है।

सी एम हेल्पलाइन भी घिसट रही धीरे-धीरे

सरकार के काम में पारदर्शिता लाने व मप्र के हर उस नागरिक को न्याय मिल सके जब वह स्थानीय जिम्मेदारों के न्याय से थक हार जाए के लिए सीएम हेल्पलाइन जैसी व्यवस्था की गई किन्तु स्थानीय स्तर पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी उसमें भी बड़ी सफाई से झूँठ बोलकर शिकायत को टरकाते रहते हैं और एक दिन थक हारकर शिकायत कर्ता भी आस छोड़ देता है।

नही हुआ मूल्यांकन खा गए रुपए…

फरियादी ने बताया कि
आज तक मेरे काम का मूल्यांकन नही हुआ है 49500 सिर्फ दिया गया था शेष राशि बाँकी है,मैं फोन लगाने पर सचिव बोलता है अभी पैसा नहीं आया है जब की उस पैसा का गमन कर लिया गया है फरियादी का कहना है उसका 1,50000 लाख से अधिक की पूजी उसमे लगी है

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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