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आर आई कोरी ने नक्शा तरमीम में किया खेला।

मध्य प्रदेश शासन की भूमि 440/2 में गड़बड़झाला।

बरगवा शहडोल।।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर परिषद बरगवां अमली उप स्वास्थ्य केंद्र मध्य प्रदेश शासन की भूमि खसरा नंबर 440 में पूर्व पटवारी अंगद के द्वारा मध्य प्रदेश शासन की भूमि कुल रकवा 8 एकड़ भूमि पर जिसका कुछ हिस्सा गुहिरा पिता मधई के नाम 2 एकड़ 20 डिसमिल जमीन कब्जे के तौर पर दर्ज था। सन 1975 एवं 76 के खसरा पंचसाला के अनुसार मध्य प्रदेश शासन की इस भूमि पर कुल रकबा में से 2 एकड़ 20 डिसमिल भूमि का भू स्वामी बरगवा के आदिवासी परिवार गुहिरा बैगा का नाम दर्ज था।

अंगद पटवारी ने खेला खेल परिवर्तित किया खसरे से नाम।

भू राजस्व संहिता की धाराओं एवं प्रावधानों का खुले तौर पर उल्लंघन करते हुए सन 1998 में पदस्थ बरगवा हल्का पटवारी अंगद के द्वारा भू अभिलेख दस्तावेज पंचशाला खसरा में दर्ज नाम जो कि पूर्व में गुहिरा पिता मधई का का मध्य प्रदेश शासन की भूमि खसरा नंबर 440 में कई वर्षों पूर्व से दर्ज था जिसमें हल्का पटवारी के द्वारा अपने पुत्री के नाम परिवर्तित कर दिया गया और पूर्व से दर्ज नाम को खसरा पंचशाला से विलोपित कर दिया गया यही से शुरू होता है भू अभिलेख दस्तावेज के साथ छेड़खानी और षड्यंत्र पूर्ण आचरण के साथ कूट रचित रचना जिसमें शासन की भूमि से करोड़ों रुपए हड़पने का काला कारोबार पुनः 2010 में अपनी पुत्री के नाम परिवर्तित की हुई भूमि को विक्रय किया गया और 2023 में साधना उरमलिया पति रामदयाल के नाम फर्जी रजिस्ट्री दस्तावेज तैयार किया गया। उक्त भूमि मध्य प्रदेश शासन के खसरा क्रमांक 440 पर जो आदिवासी के नाम दर्ज था उसे अपने नाम दर्ज करना अपराध की श्रेणी में आता है और यह अपराध निरंतर परिवर्तित होता रहा।

आर आई कोरी ने नक्शा तरमीम में किया चोरी। दर्ज भू स्वामियों और शासन की भूमि को किया गायब

आरआई कोरी ने मध्य प्रदेश शासन की भूमि खसरा क्रमांक 440/2 2 एकड़ 20 डिसमिल को तीन एकड़ भूमि नक्शा तरमीम के दौरान शासन के भू राजस्व नियमों को अनदेखा करते हुए जो की नियमतः उप स्वास्थ्य केंद्र निर्मित मध्य प्रदेश शासन की भूमि जहां भी स्थित है और मुख्य मार्ग पर है तो सर्वप्रथम मुख्य मार्ग एवं सड़क पर मध्य प्रदेश शासन की भूमि को यथा स्थिति करते हुए अन्य भूमि स्वामी की भूमि को पीछे की ओर नक्शा तरमीम किया जाता है किंतु आर आई आई कोरी के द्वारा इस प्रकार ना करते हुए शासन के नियमों का उल्लंघन किया गया साथ ही नक्शा तरमीम के दौरान खसरे में दर्ज अन्य भू स्वामियों की उपस्थिति में उनके हस्ताक्षर युक्त पंचनामा में दर्ज नाम की उपस्थिति के साथ उन्हें संतुष्ट होने की स्थिति में ही नक्शा तरमीम को सही एवं सत्य माना जाएगा किंतु आर आई कोरी खसरे में दर्ज नाम भू स्वामियों की अनुपस्थिति में बिना उन्हें सूचनार्थ फर्जी तरीके से नक्शा तरमीम की कार्यवाही को अंजाम दिया गया।

अब देखना यह है कि पूर्व में हल्का पटवारी के द्वारा आदिवासी की भूमि को अपनी पुत्री के नाम परिवर्तित कर किए गए शासन के भू अभिलेख के साथ छेड़खानी और फर्जी रजिस्ट्री और पट्टा का खेल उसके उपरांत अलग-अलग नाम को विक्रय करते हुए शासन को गुमराह कर करोड़ों रुपए का खेल खेला गया।

और वर्तमान में आर आई कोरी के द्वारा किए गए फर्जी नक्शा तरमीम की कार्यवाही पूर्णत: न्याय संगत नहीं एवं संदेह के घेरे में है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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