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हे अशोक! क्या आपको नही श्रीधर पर कोई शोक

 

 

भाजपा मण्डल करकी के उपाध्यक्ष के श्रीधर फर्म के नाम लाखो रुपए के फर्जी बिल का हुआ भुगतान क्या नेता पर मेहरबान है जनपद सीईओ श्री मरावी इसी लिए नही हो रही कार्यवाही

जयसिंहनगर।।

 

जयसिंहनगर जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत बराछ में फर्जी बिलों के भुगतान का मामला सामने आया है। मटेरियल खरीदी में यहां पर जिस फर्म को भुगतान किया गया है, वास्तव में वह फर्म है ही नहीं, इसी तरह अनेक भुगतान जिम्मेदार सचिव द्वारा किए गए। जिन बिलों का ग्राम पंचायत द्वारा भुगतान किया गया है, उनमें जीएसटी नंबर तक नहीं है। वहीं खनिज रायल्टी की भी चोरी की गई। हालांकि ग्राम पंचायत के सचिव फिर भी कह रहे हैं कि सभी बिलों का भुगतान नियमानुसार हुआ है। वहीं पंचायत अधिकारी उक्त मामले की जांच करवाने की बात कह रहे हैं।

कच्चे बिलों पर किया भुगतान,

सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बराछ द्वारा अलग-अलग कार्यों में लाखों रुपए का भुगतान कच्चे बिलों पर ही कर दिया गया। आश्चर्य की बात तो यह है उक्त बिलों की अगर वास्तविकता जानने का प्रयास किया जाए तो पता चलेगा जिन फर्मों के बिल लगाए गए हैं, वे अस्तित्व में हैं या नहीं है, मात्र कागजों में ही ये फर्म हैं, जिन्हें लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है, इस तरह ग्राम पंचायत बराछ के सचिव के द्वारा अन्य बिलों और वाउचर द्वारा भुगतान किया है। जिनकी वास्तविकता सत्य से कहीं दूर है। अगर ग्राम पंचायत द्वारा किए गए बिल भुगतान की उचित जांच करवाई जाए तो किस तरह भ्रष्टाचार किया जा रहा है, यह सच्चाई भी सामने आ जाएगी,

जीएसटी चोरी और खनिज रायल्टी को पहुंचाया जा रहा नुकसान
ग्राम पंचायत बराछ के द्वारा भुगतान किए जा रहे हैं बिलों पर किसी तरह का जीएसटी नंबर नहीं है, सभी बिल फर्जी है,ऐसे में शासन को जीएसटी राजस्व चोरी का नुकसान तो उठाना पड़ ही रहा है। सूत्रो से प्राप्त जानकारी अनुसार बड़ी मात्रा में ग्राम पंचायत द्वारा रेत, मुरम, गिट्टी, पत्थर की खरीदी की जाती है। परंतु फर्जी फर्म होने के कारण खनिज रायल्टी की चोरी भी कर ली जाती है। इस तरह शासन के राजस्व की सेंधमारी भी की जा रही है।

यह है नकली बिलों का असली खेल
नकली व फर्जी बिल भुगतान के इस खेल में वास्तविकता में किसी तरह की फर्म होती नहीं है। मात्र कागज, बिल बुक एवं सरपंच, सचिव के ही संज्ञान में इस तरह की फर्म होती है। उक्त फर्म का बिल ग्राम पंचायत में लगाया जाता है और फिर सरपंच, सचिव और जिम्मेदार बिल का भुगतान भी कर देते हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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