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देते हैं भगवान को धोखा इंसान को क्या छोड़ेंगे” मंदिर ट्रस्ट में झोलझाल

 

 

 

मंदिर ट्रस्ट में घपला:आरोप

शहडोल।।जैतपुर
विनय मिश्रा…

हम आप अक्सर इंसान-इंसान से फरेब और बेईमानी की बातें अपने इर्दगिर्द करते व सुनते रहते हैं पर जहाँ इंसान को गढ़ने वाले भगवान की बात आ जाए वहाँ आप क्या कहेंगे।आस्था के घरों में भी लोगो को बेईमानी करने व सेंध मारने में जी नही भरता।भारत देश मे कई ऐसे दार्शनिक स्थल व मंदिर हैं जहाँ ट्रस्ट के सहारे उन मन्दिरो का देखरेख किया जाता है किंतु ट्रस्टी ही भगवान के घर मे सेंध मारने लगे तो अध्यात्म के इस केंद्र में आम इंसान की क्या बिसात।

मुझे 1967 में बनी उपकार फिल्म का एक गाना याद आ रहा है जो मन्ना डे द्वारा लिखित लिरिस्क्स पर बनी थी “कि देते हैं भगवान को धोखा इंसान को क्या छोड़ेंगे”। गाने की इस लाइन को बयां करती वर्तमान में भटियाँ माता मंदिर से जुड़े ट्रस्ट व वहाँ के संरक्षकों का जिनकी शिकायत जिला मुख्यालय तक कि गई है।

शहडोल मुख्यालय से लगभग 50 किमी की दूरी पर मॉ सिंहवाहिनी शक्ती पीठ भठिया मंदिर स्थित है जहाँ पर हुए कि मीजी की संख्या में श्रद्धालू मातारानी के दर्शन के लिए आते हैं, जहा चैत्र नवरात्र मा शारदेय नवरात्री मे भव्य नौ दिनों का मेला भी लगता है। इस शक्ती पीठ से न केवल स्थानीय अपितु दूर दराज के भक्तो की भी गहरी आस्था जुडी हुई है, मॉ सिंहवाहिनी शक्ती पीठ सन् 1997 में मंदिर की संचालन के लिए माँ सिंहवाहिनी न्यास भठिया का गठन किया गया जिसने न्यास धारी ट्रस्टी अध्यक्ष एवं सदस्यो के अलावा सचिव तहसीलदार है 1997 से अब तक मंदिर कि सम्पूर्ण आय व्यय की जवाबदारी मॉ सिंहवाहिनी मंदिर न्यास भठिया कि है।
मंदिर पर होने वाले चढावा (दान) भक्तो के द्वारा माता रानी को अर्पित किए जाते है उन चढ़ावे एवं पैसो का उपयोग मंदिर विकास कार्यों में होना चाहिए जोकि 1997 से मॉ सिंहवाहिनी मंदिर न्यास भठिया के अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा लगातार न तो आय व्यय कि सही जानकारी रखी जा रही है न ही मंदिर के संचालन एवं विकास कार्यों में लगाया जा रहा है। तथा मंदिर के वित्तीय लेब देन में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिससे कि आम जन एवं भक्तो कि आस्था को गहरी ठेस पंहुची है एवं भक्तो मे रोष व्याप्त है।
मॉ सिंहवाहिनी मंदिर न्यास भठिया द्वारा किए जा रहे अव्यवस्थाओ को लेकर आपका

ध्यान देने योग्य बिंदु:-

1. मॉ सिंहवाहिनी मंदिर न्यास द्वारा माता रानी के भोग प्रसाद एवं वस्त्रो की व्ययस्था 1997 से लेकर आज दिनांक तक नहीं की गई।

2. 1997 से आज दिनांक तक एक भी बार आय व्यय का डेटा सम्पादित (आडिट) नहीं काराया गया है।
3. अध्यक्ष के रुप में कार्यरत है, तथा चुनाव की प्रक्रिया न्यास द्वारा आज दिनांक तक नहीं कराया गया ।
4. न्यास भठिया के द्वारा दुकानदारो को दुकान की निलामी करके दुकान अंकादित किए गए दुकानदारो को आज दिनांक तक किसी प्रकार का अनुवन्ध की प्रतिलिपि न्यास द्वारा नही दिया गया है।
5. न्यास के बैठक में कभी भी स्थानीय दुकानदार एवं स्थानी जन को बेठक की सूचना नहीं दी जाती एवं मनमाने ढंग से कोई भी निर्णय (आदेश) जारी कर दिया जाता है। 6. चैत्र नवरात्री एवं शारदेय नवरात्री के मेला में आए भक्तो एवं दुकानदारो से
अभद्रता एवं दुकानदारो से अवैध वसूली की जाती है तथा दुकानदारो को न्यास द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध नही कराई जाती है।

7. मॉ सिंहवाहिनी मंदिर में कई बार अज्ञात चोरो द्वारा माता रानी की आभूषणो एवं दान पेटी को तोडकार चोरी कर ली गई किन्तु आज दिनांक तक कोई भी
समुचित व्यवस्था न्यास द्वारा नही की गई है।
8. न्यास के द्वारा बिना किसी विज्ञप्ती के फर्जी तरीके से सदस्यो की नियुक्ति कर दी गई जो नियमानुसार गलत है।

9. मॉ सिंहवाहिनी प्रांगण में लगे यूके लिप्टिस के पेड़ एवं इमारती लकडियो को बिना निलामी के गलत तरीके से बेच दिया गया एवं पुराने मंदिर से निकली हुई सामग्री पुरातत्व पत्थर, चीप. लोहे के गाटर, छड, इत्यादि को बेचकर उसकी राशि गबन कर दिया गया ।

10. श्रद्वालुओ द्वारा भंडारे के लिए आए नगद एवं सामग्री दान का कोई हिसाब न्यास के द्वारा नही रखा जाता 11. मॉ सिंहवाहिनी मंदिर के बगल से प्रसिद्ध तालाब जोकि भक्तो के आस्था

का मुख्य बिन्दु है वहा पर जबारा विसर्जन कराने के बाद तालाब की साफ सफाई नही कराई जाती जिससे तालाब का अस्तित्व डूब के कगार में है। निम्न 11 बिन्दुओ पर जॉच टीम गठित कर 7 दिवस के अन्दर उचित कार्यवाही करने की कृपा करे ।
जाँच हुआ या नही और क्या क्या हुआ इसकी जानकारी हमे स्प्ष्ट रूप से नही हो पाई है हम तथ्यों को जुटाने में लगे हुए हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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