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अपने ही मापदण्डो से बिफर गई बीजेपी, पार्टी कार्यकर्ताओं में अंदरूनी रोष

अपने ही मापदण्डो से बिफर गई बीजेपी, पार्टी कार्यकर्ताओं में अंदरूनी रोष
माननीय सम्मानीय उपकृत कर दिए मण्डल अध्यक्ष
शिकायत की हवा भोपाल पार्टी कार्यालय तक
शहडोल।।

 

 

हाल ही में चयनित मण्डल अध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के अंदर विरोध के स्वर गूंज रहे हैं सूची को सोशल साइट्स में पोस्ट कर भले ही बेमन पार्टी के कार्यकर्ता बधाई दाताओं में शामिल हों पर उनके अंदर की जो मार है वो तो वही समझ सकते हैं एक दूसरे भाषा मे कहें तो “भीतर की मार बहुरिया ही जानती है” जिस तरह से चेहरे और दोगलेपन से मण्डल अध्यक्षो की नियुक्ति हुई है इसका क्षोभ पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं  में है और उन्हें चैन की नींद नही लेने दे रही है।हमारे मन भी कई सारे सवाल हैं पर हम पार्टी के पदाधिकारी नही हैं जिन नामों की चर्चा जोरों पर थी उन्हें हवा के साँथ गुब्बारा बनाकर उड़ा दिया गया जिनकी उम्मीद ही नही थी उन्हें जैसे किसी खास पदाधिकारी के कहने पर पद से उपकृत कर दिया गया।
आरोप और चर्चाओं के बाजार में केशवाही,बकहों, जयसिहनगर और धनपुरी मंडलो में जिस तरह से चहेते और खेमों को तरजीह दी गई है वह पूरे जिले में शोर का सबब बना हुआ है।अगर पैसों के दम पर मण्डल अध्यक्ष बना या बनाया जा सकता है तो जमीनी कार्यकर्ता जो दरी-चटाई और झंडा बांधते हैं शायद उनका कभी समय ही नही आएगा।चुनाव प्रभारी ने किस हिसाब से किस गाइडलाइन के तहत मण्डल अध्यक्षों की नियुक्ति की है यह पूरे जिले में चर्चा है कहीं उम्रदराज व्यक्ति को मण्डल की जिम्मेवारी दी गई है तो कहीं तय आयु सीमा से नीचे तो कहीं पार्टी के खिलाफ बगावत करने वालों को पद से उपकृत कर दिया गया है। हमारे पास एक आडियो आया है जिसमे नव नियुक्त महिला मण्डल अध्यक्ष कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए एक मतदाता को प्रलोभन दे रही है हलाकि इस आडियो की पुष्टि हम नही करते कि ये उन्ही का आवाज है या किसी और का।पार्टी ने गाइडलाइन में ये तय जरूर किया था कि सांसद-विधायकों की अनुसंशा पर मण्डल अध्यक्ष नही बनाए जाएँगे किन्तु सूत्रों की मानें तो कहीं किसी को मण्डल अध्यक्ष बनाने के लिए विधायक अड़े रहे तो कहीं जिलाध्यक्ष व पूर्व जिलाध्यक्ष और अंततः उन्हें खुश करने के लिए पार्टी ने उनके नामों पर मुहर भी लगा दिया शहडोल मण्डल अध्यक्ष तो अभी भी भाजपा युवा जिला मोर्चा के अध्यक्ष हैं और मण्डल अध्यक्ष का दायित्व दे दिया गया हलाकि पार्टी के नियम क्या है ये हम नही जानते और इस्तीफा या दो पदों पर बने रहने के भाजपा के अपने क्या मापदंड हैं इसे तो भाजपा ही जानें । चर्चा तो ये भी है कि कुछ लोगों को पद से नवाजने की एवज में नोटों की बोली भी लगाई गई ।
कोयलांचल और सोहागपुर मण्डल से मण्डल अध्यक्ष का चयन न होना इस बात के साक्ष्य हैं की किस तरह से अपने किसी खास को पद दिलाने की संगठन में अंदरूनी खींचतान चल रहा है ।
सूत्र बताते हैं कि भाजपा जिला अध्यक्ष बनने की होड़ में कार्यकर्ताओं का रुख लगातार भोपाल मुख्यालय की ओर जारी है सब अपने-अपने हिसाब से पेटियों की कीमत लगा रहे हैं बात 70 तक भी गई है यह पूरे जिले में हल्ला है।

इनका कहना है…

पार्टी के तय गाइडलाइन के अनुसार ही मण्डल अध्यक्षो की नियुक्ति हुई है और बिना रायशुमारी के मनोनयन नही हुआ है पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों ने जो निर्णय लिया है वो सर्वमान्य है भाजपा जिला उपाध्यक्ष जागेन्द्र प्रताप सिंह केशवाही

फोन लगाने पर नही उठा,चुनाव प्रभारी अरुण द्विवेदी

जिलाध्यक्ष का पद और भोपाल तक दौड़ शेष अगले अंक में….

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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