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कार्बाइड गन की चपेट में आईं 43 आंखें — डॉक्टर बोले: रोशनी लौटने में लगेगा छह महीने तक का वक्त

कार्बाइड गन की चिंगारी से झुलसी आंखों का दर्द

विशेषज्ञ बोले, छह महीने तक रहेगी निगरानी;

बंदूक की नजर‘ नाम से चर्चा में आए कार्बाइड गन हादसे ने अब चिकित्सा जगत को भी झकझोर दिया है। इस हादसे में 43 लोगों की आंखें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं। डॉक्टरों की टीम ने सभी मरीजों की सर्जरी पूरी कर दी है, लेकिन रोशनी लौटेगी या नहीं, इसका सही अंदाज़ा अगले छह महीनों में ही हो सकेगा।

जानकारी के मुताबिक, हादसा उस वक्त हुआ जब एक फैक्ट्री में कार्बाइड गन से निकली तेज़ रासायनिक गैस और गर्म धातु कण अचानक आंखों में जा घुसे। इससे कई कर्मचारियों की कॉर्निया जल गई और कुछ की रेटिना तक प्रभावित हुई।

नेत्र विशेषज्ञों ने बताया कि प्रारंभिक सर्जरी से संक्रमण और दबाव नियंत्रण में है, लेकिन जिन मरीजों की आंखों में गहरी चोटें हैं, उनमें स्थायी दृष्टि हानि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि मरीजों की आंखों में स्पेशल बैंडेज कॉन्टैक्ट लेंस लगाए गए हैं, जिससे टिशू रिकवरी में मदद मिल सके।

एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “यह मामला बेहद संवेदनशील है। अब पूरी तरह से यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कॉर्निया कितनी तेजी से रिकवर होती है और रेटिना पर असर कितना गहरा है। कई मरीजों को आगे कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।”

मरीजों के परिजन अभी भी मानसिक आघात में हैं। कई परिवारों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जबकि प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर ली है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह हादसा उद्योगों में सेफ्टी प्रोटोकॉल की अनदेखी का नतीजा है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कार्बाइड गन के इस्तेमाल पर सख्त मानक तय करने की जरूरत है।

 

 
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Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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