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मासिक नजराने पर मिल रहा ओटी, माइंस प्रबंधक बेखबर

 

शहडोल।।
साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड अन्तर्गत सोहागपुर कालरी क्षेत्र में नौकरी के नाम पर मुफ्त की हाजिरी भरने का चलन अब तक नही खत्म हुआ बंगवार, दामिनी,खैरहा,राजेंद्रा कालरी अन्तर्गत यूजी और सरफेस का खेल जारी है नए युवकों से लेकर कालरी के वृद्ध कर्मचारियों की एक पैठ बन चुकी है इस पूरे खेल में कालरी के स्थानीय नेता और अधिकारियों की गठजोड़ है जहाँ स्थानीय कालरी नेताओं की यूनियन के आसरे अधिकारियों की कलम को दबाकर या फिर उन्हें मैनेजमेंट की झांसे में लेकर युवा वर्ग को नौकरी करने की बजाय अंडरग्राउंड से सरफेस में तफरीह की तनख्वा दी जा रही है तो दी ही जा रही है साँथ में अब एक नया मामला सामने आया है जहाँ ओवरटाइम का एक मासिक नजराना देकर इस तफरीह की तनख्वाह में एक्स्ट्रा इंकम का बोझ लादा लगाई जा रहा है।

सोहागपुर माइंस अन्तर्गत जितने भी यूजी माइंस हैं उनमें यूजी से सरफेस का जुगाड़ कर नए युवक जहाँ मजे मार रहे हैं वहीं वर्षों से कार्यरत और वरिष्ठ कमर्चारियों की भी एक लंबी लिस्ट है जो महीने का एक सिस्टम तैयार कर दिनभर की नौकरी में एक्स्ट्रा इंकम का जुगाड़ कर लेते हैं इससे न सिर्फ सरकार को नुकसान हो रहा है बल्कि ओटी के इस काले खेल में तन्ख्वाह के साँथ-साँथ ओटी के रूप में तफरीह का उपहार बांटा जा रहा है सूत्र बताते हैं कि ओटी के इस खेल में स्थानीय मैनेजर से लाग लपेट करके इस पूरे काम मे लाग लपेट किया जा रहा है।
एक तो यूजी माइन्स में कार्यरत कमर्चारी सरफेस में मुफ्त की हाजिरी ले रहे हैं वहीं खदानों और दफ्तरों में उनका कोई ठिकाना नही रहता अधिकांश युवक तो कालरी के नेताओं की चापलूसी में हाजिरी पा रहे हैं तो कुछ मैनेजमेंट के साँथ सांठगाठ करके।
आलम यह हो चुका है कि इस पूरे खेल में कालरी प्रबंधकों की अपनी कोई दिलचस्पी नही है यही कारण है कि यूजी से लेकर सरफेस और सरफेस में मुफ्त ओटी का यह पूरा कारोबार कालरी के धन को पानी की तरह बहा रहा है।

खबर प्रकाशित करने के बाद कालरी से जुड़े हमारे पास तरह-तरह की चीजें निकलकर आई जिसमे हाजरी के सिस्टम से लेकर ओटी का एक नया भ्रष्टाचार फैलाया जा रहा है।
खैरहा,दामिनी,राजेंद्रा, बंगवार, अन्तर्गत ऐसे सैकड़ो कर्मचारी हैं जिनकी उपस्थिति और कालरी निरीक्षण किया जाए तो ऐसे तथ्य सामने आएँगे कि माथा चकरा जाएगा,सरफेस में कार्यरत कर्मचारियों में 10 फीसदी ही ऐसे लोग होंगे जो कालरी में पूरा दिन अपने डयूटी को समय देते हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि जब हाजिरी रजिस्टर, बायोमेट्रिक और अन्य तकनीकी विधियाँ मौजूद है फिर इस प्रकार की भर्रेशाही क्यों?

इस पूरे खेल का खामियाज़ा वास्तविक श्रमिक, बेरोज़गार युवा और सरकारी राजस्व भुगत रहे हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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