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जगह जगह दौड़ रही अंग्रेजी पैकारी, मूक बना आबकारी

दोहरे मापदण्ड पर तय होते हैं शराब ठेकेदारों पर कार्यवाही ठेकेदार के कर्मचारियों की हो थाने से कागजी जाँच….

हमारे संविधान में दोहरी नागरिकता और दोहरे कानून का फरमान क्या हुआ मानो इसे प्रत्यक्ष रूप देने में किंचित मात्र भी विलम्ब नहीं हुआ। आओ इसको एक अलग नजरिये से समझते हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री अहाते बन्द करने के आदेश दिए ताकि गरीब और उनके साँथ जीने खाने वाले दिहाडियों कि रोजी बन्द हो जाए । दूसरा नजरिया ठीक इसके उलट पूंजीपतियों को बियर बार चलाने के लाइसेंस जारी कर दिए गए ताकि अमीरों की मौज हो।

तीसरा नजरिया ये जो अरसों से चला आता रहा है, अमीरों को ठेके की आड़ में शराब तस्करी का लाइसेंस देना वहीं इसके विपरीत गरीब आदिवासी महुआ लोहान बनाने वाले घरों पर धरपकड़ और कार्यवाही करना। हमने जिले में पिछले कुछ वर्षों में पड़ताल किया है कि अंग्रेजी शराब का ठेका लेने वाले ठेकेदार अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए न सिर्फ गरीबो के यहाँ कार्यवाही कराते हैं बल्कि अपनी अंग्रेजी पैकारी गाँव-गाँव करते हैं। जिले के हर कस्बे पर नजर उठाएं तो आभास हो जाएगा कि आबकारी की कार्यशैली में कितना दोगलापन है।

सम्भव है जब सरकार में ऐसा भेदभाव है तो विभाग के जिम्मेदारों की क्या बिसात।

दीपक पाण्डेय…..

शहडोल।। बीते कुछ माहों से अंग्रेजी शराब की पैकारी पर हर कोने में धरपकड़ हुई है ये और बात है कि इस कार्यवाही में आबकारी नही बल्कि पुलिस की अहम भूमिका रही है। शहडोल जिला मुख्यालय में तो तब हद हो गई जब ठेकेदार दिग्विजय के गुर्गे बिना नम्बर की गाड़ी में शराब ले जा रहे थे और आरक्षक से रंगदारी कर रहे थे माँमले में तनातनी के बाद डीएसपी यातायात की दखल के बाद गाड़ी कोतवाली पहुँची अन्यथा ठेकेदार की ऐसी हनक वह तो वर्दीधारी को भी अपने घर की खेती समझ रहे थे।

शराब की ही एक बड़ा जखीरा गोहपारू थाने अन्तर्गत पकड़ाया था इस बार भी शराब की इस पैकारी पर पुलिस ने कार्यवाही की थी न कि आबकारी ने इसी तरह धनपुरी, अमलाई में ठेकेदार की अवैध पैकारी पर धनपुरी व अमलाई पुलिस ने कार्यवाही की थी। 

सारे काम पुलिस ही कर ले तो अन्य विभागों पर बैठे जिम्मेदार क्या सरकार से तफरीह की तनख्वाह ले रहे हैं।

इसी तरह बुढार के इर्दगिर्द दर्जनों चिन्हित ठीहे हैं जहाँ अंग्रेजी पैकारी बिक रही है शायद यहाँ भी पुलिस महकमे के कार्यवाही का इंतेजार है।

आपको बता दें ये वही शहर है जहाँ स्वयं पुलिस कप्तान अवधेश गोस्वामी की दखल के बाद अंग्रेजी शराब पर कार्यवाही हुई थी।

आमजनमानस को अपेक्षा है कि पुनः बुढार ,धनपुरी से जुड़े अंग्रेजी पैकारो पर कार्यवाही हो।

पूर्व कप्तान ने दिया था थाने से वेरिफिकेशन का आदेश …

ज्ञात हो शहर में बढ़ रहे वारदातों और घटनाओं के मद्देनजर शहर में आए बाहरी लोगों के चरित्र समेत व्यक्तिगत जानकारी का फरमान जारी किया गया था शहर के कोने-कोने में न सिर्फ ठेले गुमटी लगाने वाले आम आदमी बल्कि शराब ठेकेदारों के इन आदमियों का भी थानां वेरिफिकेशन होना चाहिए ताकि यह ज्ञात हो सके बाहर से आया हुआ कोई आम शक्ल का व्यक्ति किसी प्रकार का कोई अपराधी तो नही।

अभी हालिया में बड़ा काण्ड देखने को मिला जहाँ पटेल नगर में रहने वाला एक शख्श पंजाब में दोहरे हत्याकांड का आरोपी थ और यहाँ आकर आम इंसान की तरह जीवनयापन करने लगा था।

इस पर भी प्रशासन को एक पहल करना चाहिए।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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